### अंबिकापुर, सरगुजा में दशहरा: एक भव्य उत्सव का अनुभव
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले का अंबिकापुर शहर अपने सांस्कृतिक धरोहर और त्योहारों के शानदार आयोजनों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ मनाया जाने वाला **दशहरा** विशेष रूप से अनूठा होता है, जिसमें परंपरा, भक्ति और मनोरंजन का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
---
## अंबिकापुर का दशहरा: ऐतिहासिक महत्व
अंबिकापुर का दशहरा वर्षों पुरानी परंपराओं का प्रतीक है। यह न केवल **असत्य पर सत्य की जीत** और **रावण के अहंकार के अंत** का संदेश देता है, बल्कि समुदाय में आपसी प्रेम और एकता को भी बढ़ावा देता है। यहाँ के दशहरा उत्सव में सिर्फ स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि आसपास के गाँवों और जिलों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं।
---
## उत्सव की शुरुआत और तैयारियाँ
दशहरे से पहले ही अंबिकापुर की सड़कों और बाज़ारों में रौनक बढ़ जाती है। पूरे शहर को **रंग-बिरंगी लाइटों** और सजावटी झंडियों से सजाया जाता है। जगह-जगह मेले लगते हैं, जहाँ **खिलौनों, मिठाइयों और हस्तशिल्प** की दुकानें आकर्षण का केंद्र बनती हैं।
**रामलीला का मंचन** दशहरे की खासियत है, जिसे कई स्थानों पर आयोजित किया जाता है। यहाँ के रामलीला मंडलियाँ पूरी श्रद्धा और जीवंतता के साथ **रामायण के प्रसंगों** का प्रदर्शन करती हैं, जो दर्शकों को मोहित कर देती हैं।
---
## रावण दहन: मुख्य आकर्षण
अंबिकापुर के दशहरा उत्सव का **सबसे बड़ा आकर्षण रावण दहन** है। शहर के बड़े मैदान में **विशाल रावण, मेघनाथ और कुंभकर्ण** के पुतले बनाए जाते हैं। दहन के समय हजारों की भीड़ एकत्रित होती है और इस आयोजन को बड़े हर्षोल्लास के साथ देखा जाता है। जैसे ही **अग्नि के शोले** पुतलों को जलाना शुरू करते हैं, लोगों के बीच उत्साह चरम पर होता है। आतिशबाज़ी का भव्य प्रदर्शन पूरे माहौल को मंत्रमुग्ध कर देता है।
---
## मेले का आनंद
रावण दहन के बाद अंबिकापुर में लगने वाले **दशहरे के मेले** का भी अपना अलग आकर्षण है। यहाँ बच्चों के लिए **झूले**, युवाओं के लिए **फूड स्टॉल**, और परिवारों के लिए **हस्तशिल्प और परिधान** की दुकानें होती हैं। मेले में लोग **छत्तीसगढ़ी खानपान** और **लोक कला** का भी आनंद लेते हैं, जिससे यह उत्सव और भी जीवंत बन जाता है।
---
## सांस्कृतिक कार्यक्रम और खेल
दशहरे के अवसर पर विभिन्न **सांस्कृतिक कार्यक्रम** और **प्रतियोगिताएँ** भी आयोजित की जाती हैं। स्थानीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत **लोकगीत और नृत्य** लोगों का मन मोह लेते हैं। इसके अलावा, **कबड्डी और कुश्ती** जैसे पारंपरिक खेलों का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें युवा बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
---
## अंबिकापुर के दशहरे की विशेषता
अंबिकापुर में दशहरा केवल एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि **समाज को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व** है। यहाँ हर वर्ग और आयु के लोग मिलकर इसे मनाते हैं, जिससे सामाजिक समरसता और भाईचारे का संदेश फैलता है।
---
## निष्कर्ष
अंबिकापुर का दशहरा उत्सव उन चुनिंदा अवसरों में से एक है, जहाँ आप **धार्मिक परंपराओं और आधुनिकता** का समन्वय देख सकते हैं। यहाँ का वातावरण, सजावट, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, और **रावण दहन का भव्य आयोजन** किसी भी आगंतुक के मन में यादगार अनुभव छोड़ जाता है। यदि आप भी इस उत्सव का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो अगले दशहरे पर अंबिकापुर की यात्रा अवश्य करें और इस भव्यता का आनंद लें।
---
### **जय श्री राम!**